कक्षा 10 की एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यपुस्तक "क्षितिज भाग 2" में शामिल "लखनवी अंदाज" प्रसिद्ध लेखक यशपाल की एक महत्वपूर्ण रचना है। यशपाल एक प्रमुख हिंदी लेखक और विचारक थे, जिनकी कहानियाँ सामाजिक यथार्थ और मानव मन की जटिलताओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती हैं।
"लखनवी अंदाज" कहानी में यशपाल ने लखनऊ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक माहौल को बारीकी से चित्रित किया है। इस कहानी में लखनवी संस्कृति, उसकी नफासत, और वहाँ के लोगों के व्यवहार का जीवंत चित्रण किया गया है।
कहानी में मुख्य पात्र लखनवी अंदाज में अपनी बात रखते हैं, जो उनकी भाषा, शैली और व्यक्तित्व को दर्शाता है। लखनवी अंदाज की विशेषता उसके विशिष्ट शिष्टाचार, व्यवहार और आचार-व्यवहार में देखी जाती है, जो कि कहानी के केंद्र में है।
कहानी के माध्यम से लेखक ने लखनवी संस्कृति की सुंदरता और उसके विशेष अंदाज को प्रस्तुत किया है। "लखनवी अंदाज" केवल एक सांस्कृतिक चित्रण नहीं है, बल्कि यह उस समाज की विशेषताओं और जीवनशैली को भी दर्शाता है। यह कहानी लखनवी समाज की भव्यता, शिष्टता और विशेषताएँ प्रस्तुत करती है, जो उस समय के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को समझने में मदद करती हैं।
"लखनवी अंदाज" कहानी का महत्त्व इस बात में है कि यह भारतीय सांस्कृतिक विविधताओं और परंपराओं के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है। यशपाल की यह रचना छात्रों को लखनवी संस्कृति की गहराई और विशिष्टता से परिचित कराती है, और साथ ही सांस्कृतिक विविधता और समाज के विविध रंगों को समझने की प्रेरणा देती है। इस कहानी के माध्यम से छात्रों को समाज के विभिन्न पहलुओं और सांस्कृतिक भिन्नताओं की समझ बढ़ाने में मदद मिलती है।